आवश्यक सामग्री :-
गेहूं का आटा- 1 कप
हरी मटर के दाने- ½ कप (दरदरी पिसी हुई)
हरा धनिया- 1 से 2 टेबल स्पून
तेल- 2 टेबल स्पून
अमचूर पाउडर- ¼ छोटी चम्मच से कम
नमक- ½ छोटी चम्मच से ज्यादा या स्वादानुसार
अदरक का टुकड़ा- ½ इंच (कद्दूकस किया हुआ)
हरी मिर्च- 2 (बारीक कटी हुई)
जीरा- ¼ छोटी चम्मच
हींग- 1 पिंच
धनिया पाउडर- ½ छोटी चम्मच
लाल मिर्च पाउडर- ¼ छोटी चम्मच से कम
सौंफ पाउडर- ¼ छोटी चम्मच
गरम मसाला- ¼ छोटी चम्मच से कम
तेल- कचौरियां तलने के लिए
विधि :-
आटे में आधा नमक और 2 टेबल स्पून तेल डालकर अच्छी तरह मिला लीजिये. आधा कप पानी की सहायता से आटे को नरम गूथ लीजिये. आटे को ज्यादा मसलिए नही. गूंथे हुये आटे को सैट होने के लिये 15 से 20 मिनिट रख दीजिए.
इसी दौरान, कचौरी में भरने के लिये मटर की पिठ्ठी तैयार कर लेते हैं.कढ़ाही में 1 टेबल स्पून तेल डालकर गरम कीजिये. गरम तेल में हींग और जीरा डाल दीजिए. जीरा ब्राउन होने के बाद धनिया पाउडर, हरी मिर्च, अदरक, सौंफ पाउडर डालकर मसाले को थोड़ा सा भूनिये और पिसे हुये मटर डाल दीजिये. साथ ही नमक, अमचूर पाउडर, गरम मसाला, लाल मिर्च पाउडर और हरा धनिया डाल दीजिए. इसे अच्छे से चलाते हुए 2 से 3 मिनिट भून लीजिए. कचौरियों में भरने के लिये पिठ्ठी तैयार है. पिट्ठी को प्लेट में निकाल लीजिए और थोड़ा सा ठंडा होने दीजिए.
कढ़ाही में कचौरियां तलने के लिये तेल डाल कर गरम कर लीजिए. हाथ पर थोड़ा सा तेल लगाकर आटे से लोइयां तोड़ लीजिए. इतने आटे से 8 लोइयां बन जाती हैं. पिट्ठी को भी 8 भागों में बांट लीजिए. एक लोई उठाइए और इसे हाथ से ही बढ़ा लीजिए और बीच में गड्ढा बनाकर एक पिठ्ठी रख लीजिए और उंगलियों की सहायता से कचौरी को बन्द कर लीजिए. इस पिठ्ठी भरे गोले को हथेली से दबाकर चपटा कर लीजिए. इसे बेलन से 2 1/2 या 3 इंच के व्यास में बेल लीजिए. इसी तरह सारे आटे की कचौरी बेलकर तैयार करनी हैं और ये बेली हुई 3-4 कचौरियों को गरम तेल में डाल कर, धीमी और मीडियम आग पर पलट पलट कर कचौरियां ब्राउन होने तक तलिये. तली कचौरियां किसी प्लेट में नेपकिन पेपर बिछाकर निकाल लीजिये और दूसरी कचौरियां तलने के लिये कढ़ाही में डालिये. इसी तरह सारी कचौरियां तलकर तैयार कर लीजिये. एक बार की कचौरियां तलने में 5 से 6 मिनिट लग जाते हैं.
मटर की खस्ता कचौरियां तैयार हैं. गरमागरम कचौरियां, आलू की मसाले वाली सब्जी या हरे धनिये की चटनी के साथ परोसिये और खाइये.
सुझाव :-
कचौरी के आटे को ज्यादा मत मसलें, तभी कचौरियां खस्ता बनेंगी.आप चाहे, तो कचौरियों को बेलने की बजाय हाथ से ही बढ़ाकर बना सकते हैं. अगर हम सीधे बेलन से दबा कर बेलेंगे तो कचौरियां फटने का डर है.