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ड्रिल से काँच पर कैसे छेद करें-2
ड्रिल करने के लिए तैयारी करना
1.अगर ग्लास फिट आए, तो उसे एक छोटे कंटेनर में रख दें: आप एक आइस क्रीम टब का या फिर प्लास्टिक फोटोग्राफिक ट्रे का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको टेबल या इसी तरह की किसी और चीज के अंदर से ड्रिल नहीं करना है।कंटेनर में नीचे थोड़ा सा न्यूज़पेपर रख दें। ये आपको कंटेनर में से भी छेद करने से रोक लेगा।एक और ऑप्शन है कि आप ग्लास को किसी एकदम सीधी सतह पर रख दें, जहां उसके पूरी तरह से सपोर्ट मिल रहा हो। अगर हो सके, तो उसके नीचे एक रबर पैड या दूसरा मजबूत, कुशन वाला मटेरियल रख दें, लेकिन ग्लास को पूरा सपोर्ट मिलना और सीधा रहना चाहिए। दूसरे शब्दों में कहें, तो ड्रिल या ऐसा ही कुछ करते समय, ग्लास को ऊपर न पकड़ें।सुरक्षा को लेकर हमेशा सावधान रहें। सुनिश्चित कर लें कि आप ऐसी किसी जगह पर ड्रिल नहीं कर रहे हैं, जहां से आप किसी चीज को डैमेज कर सकते हैं और साथ ही इस बात का भी ध्यान रखें कि पावर टूल कहीं पानी के पास नहीं हैं।
2.ग्लास में मोटे कार्डबोर्ड के छोटे से पीस को या टेप को चिपका दें: ये ड्रिल करते समय बिट को स्लिप होने से रोक लेगा। आप चाहें तो इस काम के लिए सेरियल बॉक्स कार्डबोर्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं।एक और तरीका ये है कि आप इसे ग्लास के अंदर और बाहर से टेप कर दें, ताकि आप पैकेजिंग टेप या पेंटर टेप में से ड्रिल कर रहे होंगे। ये आपके ग्लास को टूटने से बचा लेगा।
टेप के दो टुकड़े निकाल लें। इन पीस को ग्लास में एक X पैटर्न में उस जगह पर रखें, जहां आप ड्रिल से छेद करना चाहते हैं। कभी भी किसी भी किनार से 3/4″ अंदर ड्रिल न करें।आप जहां पर ड्रिल से छेद करना चाहते हैं, उस जगह के टेप के ऊपर एक रेफरेंस मार्क बना दें। ये आपको ड्रिल करते समय गाइड करने में मदद करेगा।
विधि:-
3.ड्रिल से छेद करना
1.बहुत स्लो rpm पर ड्रिल करना शुरू करें: जब आप हार्ड मटेरियल पर ड्रिल करते हैं, तब आपको धीमी ड्रिल करना चाहिए; आप चाहें तो हर एक मटेरियल, ग्लास के लिए भी ड्रिलिंग स्पीड का पता लगाने के लिए ऑनलाइन रिकमेंडेड ड्रिल स्पीड का चार्ट सर्च कर सकते हैं।छोटे बिट को वेरिएबल स्पीड मोटर ड्रिल में लगा लें। उसके सिक्योरली टाइट होने की पुष्टि कर लें। अच्छा होगा अगर आप करीब 1/8″ या 3/32″ साइज की बिट के साथ में शुरुआत करें। आपको शुरुआत में ग्लास के ऊपर केवल एक डिम्पल ही बनाना है।फिर, कार्डबोर्ड या टेप को निकाल दें और तकरीबन 400 rpm पर तेज ड्रिल करें। अगर आप बहुत तेज ड्रिल कर रहे हैं, आपके ड्रिल बिट से टिप या सिरे के आसपास बर्न मार्क्स बन सकते हैं। अगर ये जरूरी लग रहा है, तो अपने बनाए शुरुआती छेद को बड़ा करने के लिए एक बड़े बिट का इस्तेमाल करें। पहला छेद एक “पायलट (pilot)” होल कहलाएगा। जब आप आपके आखिरी छेद के आकार तक अपना काम करते हैं तो यह बाद के बड़े बिट्स को गाइड करेगा।
2.ड्रिलिंग प्रैशर को थोड़ा कम करें और जब ड्रिल टिप ग्लास को ब्रेक करने के लिए करीब हो, तब स्पीड को थोड़ा और बढ़ा लें: ग्लास ड्रिल करते समय, आपको ड्रिल को लो या मीडियम स्पीड पर बनाए रखना चाहिए। जब आप ग्लास को ब्रेक करने के एकदम करीब हों, तो इसे थोड़ा और स्लो कर दें, क्योंकि यही वो समय है, जब ग्लास सबसे ज्यादा नाजुक या टूटने के लायक होता है।
अगर आप ड्रिल से ग्लास को बहुत ज़ोर से प्रैस करते हैं, तो आप उसमें दरार डाल सकते हैं। उसे पर्पेंडीकुलर पकड़ें, ताकि आप ग्लास की उखड़ने से बचा लें। अगर आप अभी ड्रिलिंग करने में नए हैं, तो आपको कोई भी बड़ी गलती करने से बचने के लिए हल्के प्रैशर का इस्तेमाल करना होगा।आधे तक ड्रिल करना, ग्लास को पलटना (सावधानी से) और फिर जब तक कि आप ड्रिल से छेद के बीच में से नहीं पहुँच जाते, तब तक उसके पीछे के साइड पर ड्रिल करना एक और दूसरी अप्रोच है।
3.कूलेंट (Coolant) का इस्तेमाल करें, ताकि ड्रिल बिट बहुत ज्यादा गरम न होने पाए: ये करना बहुत जरूरी है। आप जिस जगह पर ड्रिल कर रहे हैं, वहाँ थोड़ा सा पानी या ऑइल डालें। पानी एक कॉमन कूलेंट है, जिसे ड्रिल बिट्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है। अगर आप हार्ड सर्फ़ेस पर ड्रिल कर रहे हैं, तो आपको और कूलेंट की जरूरत पड़ेगी। कूलेंट ड्रिल बिट या सॉ और ग्लास को चिकना और ठंडा रखेगा। अगर ड्रिल करते समय ग्लास बहुत गरम हो जाता है, तो उसमें क्रेक आ सकते हैं और वो टूट भी सकता है।कूलेंट को ड्रिलिंग के पहले और दौरान, दोनों टाइम लगाया जाना चाहिए।आप चाहें तो उसमें पानी की बॉटल रख सकते हैं और उसमें एक ड्रिल होल कर सकते हैं। जब आप ग्लास में ड्रिल करेंगे, तब ये बाद में धीरे-धीरे बाहर और ग्लास पर निकलेगा और उसे ठंडा करते जाएगा।आप चाहें तो ड्रिल बिट के आसपास पानी का स्प्रे भी कर सकते हैं, ताकि वो लुब्रिकेट बना रहे। फिर से, याद रखें कि इलेक्ट्रिकल कॉर्ड और पानी के साथ में बहुत सावधानी बरतें। एक स्प्रे बॉटल में पानी रख लें और ड्रिल करते समय उसे निकालते जाएँ। अगर आपके ड्रिल करते समय व्हाइट पाउडर बनता है, आपको और कूलेंट अप्लाई करना होगा और प्रोसेस को धीमा करना होगा।आप चाहें तो ड्रिल करते समय कूलेंट की तरह काम करने के लिए ग्लास के नीचे एक गीला स्पंज भी रख सकते हैं।या आप ग्लास पर ड्रिल करने से पहले, उसे पानी से कवर कर सकते हैं – बेसिकली अपने कंटेनर में थोड़ा सा पानी रखकर उसे गीला कर लें।
सलाह:-
अपने ड्रिल बिट की स्पीड बहुत ज्यादा न बढ़ाएँ। ग्लास बहुत हार्ड और अब्रेसिव होता है और बिट्स बहुत तेजी से खराब कर सकती हैं।किसी न किसी तरह के वेंटीलेशन मास्क को पहनना बेहद जरूरी होता है। ग्लास की ड्रिल करने से डस्ट निकलती है, जिसे सिलिका डस्ट (silica dust) के नाम से जाना जाता है, जिसकी वजह से आपको सिलिकॉसिस (silicosis) नाम का लंग कैंसर हो सकता है।ग्लास के ऊपर प्रैशर कम करने के लिए पहले सबसे छोटे से शुरू करके, बिट्स के सीक्वेंस का इस्तेमाल करें, फिर धीरे-धीरे इन नंबर को आगे बढ़ाते जाएँ।इस बात से अवगत रहें कि ड्रिल की वजह से शायद दूसरी साइड के चारों तरफ टुकड़े जैसे बन जाएंगे, लेकिन इससे उस दूसरे साइड पर क्लीन होल बनेगा, जहां पर ड्रिल बिट पहली बार अंदर जाएगा।
ड्रिल करते समय ग्लास को ठंडा रखें। ये टूल्स और ग्लास को टूटने से बचा लेगा।भले ही पानी का इस्तेमाल करना बेहतर होता है, ऑइल से जाना भी आपकी ड्रिलिंग प्रोसेस को आसान बना देगा-लेकिन इसे बहुत हिसाब से इस्तेमाल करें।ड्रिल प्रैस का इस्तेमाल करना बिट प्रैशर को रेगुलेट करने में मदद कर सकता है।
चेतावनी:-
ग्लास बहुत पतला और शार्प होता है। उसे सावधानी के साथ, ग्लव्स का इस्तेमाल करके हैंडल करें और ड्रिल करते समय ब्रीदिंग मास्क और सेफ़्टी ग्लव्स जरूर पहनें।ग्लास के टुकड़े आँखों के लिए बहुत हानिकारक हो सकते हैं, इसलिए आपको एक अच्छे ISI रेटेड आइवियर पहनने होंगे।
चीजें जिनकी आपको आवश्यकता होगी:-
एक वेरिएबल स्पीड ड्रिल मोटर
ग्लास कटिंग बिट्स
एक स्टेबल, फ्लेट वर्क सरफेस
टेप
एक वॉटर बाथ या स्प्रे
सेफ़्टी रेटेड आइवियर/आइ प्रोटेक्शन: कोई “ISI” आइवियर भी काम आएगा।