कोरोना वायरस के लक्षण
हेल्थ सर्विस विभाग के द्वारा कोरोना वायरस के तीन लक्षणों को चिन्हित किया है :
1. लगातार खांसी का आना- लगातार खांसी हो सकती है यानी आपको एक घंटे या फिर उससे अधिक वक्त तक लगातार खांसी हो सकती है एवं 24 घंटों के भीतर कम से कम तीन बार इस तरह के दौरे पड़ सकते हैं. इसके साथ खांसी में बलग़म आता है तो ये चिंता की बात हो सकती है.
2. बुख़ार- इस वायरस के कारण शरीर का तापमान 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है जिस कारण व्यक्ति का शरीर गर्म हो सकता है और उसे ठंडी महसूस हो सकती है.
3. गंध और स्वाद का पता नहीं चलना- विशेषज्ञों का कहना है कि बुख़ार और खांसी अब भी वायरस के वो संभावित महत्वपूर्ण लक्षण हैं जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए.
कोरोना वायरस से कैसे कर सकते हैं बचाव
आप या आप जिन लोगों के साथ रहते हों उनमें किसी में ये लक्षण हों तो उन्हें घर में ही खुद को सेल्फ़ आइसोलेट करना चाहिए ताकि यह संक्रमण दूसरों तक नहीं पहुंचे.
**एक रिपोर्ट के अनुसार ठंड लगना, कंपकंपी महसूस होना, मासंपेशियों में दर्द और गले में खराश होना भी कोरोना वायरस की चपेट में आने के संकेत हो सकते हैं , तथा ऐसा माना जा रहा है कोरोना वायरस के लक्षण दिखना शुरु होने में औसतन पांच दिन का वक्त लग सकता है लेकिन कुछ लोगों में ये वक्त कम भी हो सकता है.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार वायरस के शरीर में पहुंचने और लक्षण दिखने के बीच 14 दिनों तक का समय हो सकता है.
कब होती है अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत?
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति ज्यादातर मामलो में आराम करने और पैरासिटामॉल जैसी दर्द कम करने की दवा लेने से ठीक हो सकते हैं. किन्तु अस्पताल में भर्ती होने की ज़रूरत तब होती है जब व्यक्ति को सांस लेने में दिक्कत आनी शुरू हो जाए. मरीज़ के फेफड़ों की जांच कर डॉक्टर इस बात का पता लगाते हैं कि संक्रमण कितना बढ़ा है और क्या मरीज़ को ऑक्सीजन या वेंटिलेटर की ज़रूरत है.
**लेकिन इसमें मरीज़ को अस्पताल के आपात विभाग यानी ऐक्सीडंट एंड इमर्जेंसी में भर्ती होने की ज़रूरत नहीं होती.
**इंटेंसिव केयर यूनिट अस्पताल के ख़ास वार्ड होते हैं जहां गंभीर रूप से बीमार मरीज़ों को रखा जाता है.
यहां कोरोना वायरस के मरीज़ों के ऑक्सीजन की ज़रूरत को मुंह पर ऑक्सीजन मास्क लगा कर या फिर नाक में ट्यूब के ज़रिए पूरा किया जाता है.
जो लोग गंभीर रूप से बीमार हैं उन्हं वेंटिलेटर पर रखा जाता है. यहां सीधे फेफड़ों तक ऑक्सीजन की अधिक सप्लाई पहुंचाई जाती है. इसके लिए मरीज़ के मुंह में ट्यूब लगाया जाता है या फिर नाक या गले में चीरा लगा कर वहां से फेफड़ों में ऑक्सीजन दिया जाता है.
अगर कोरोना के माइल्ड लक्षण हों तो क्या करें
जिन लोगों को कोरोना के माइल्ड लक्षण हों उन्हें खुद को सात दिनों के लिए घर में ही सेल्फ़ आइसोलेट कर लेना चाहिए.
विशेषज्ञों की सलाह के मुताबिक कोरोना के माइल्ड लक्षण दिखने पर सीधे अस्पताल जाने से बचना चाहिए. लेकिन ज़रूरत पड़ने पर चिकित्सकों से संपर्क कर सकते हैं.
ख़ुद को कोरोना वायरस से कैसे बचाएं?
1.कोरोना वायरस यानी ‘कोविड 19’ से बचने के लिए आप नियमित रूप से अपने हाथ साबुन और पानी से अच्छे से धोएं.
2.जब कोरोना वायरस से संक्रमित कोई व्यक्ति खांसता या छींकता है तो उसके थूक के बेहद बारीक कण हवा में फैलते हैं. इन कणों में कोरोना वायरस के विषाणु होते हैं.
3.संक्रमित व्यक्ति के नज़दीक जाने पर ये विषाणुयुक्त कण सांस के रास्ते आपके शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.
4.अगर आप किसी ऐसी जगह को छूते हैं, जहां ये कण गिरे हैं और फिर उसके बाद उसी हाथ से अपनी आंख, नाक या मुंह को छूते हैं तो ये कण आपके शरीर में पहुंचते हैं.
5.ऐसे में खांसते और छींकते वक्त टिश्यू का इस्तेमाल करना, बिना हाथ धोए अपने चेहरे को न छूना और संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना इस वायरस को फैलने से रोकने के लिए बेहद महत्वपूर्ण हैं.
कितना घातक है कोरोना वायरस?
कोरोना वायरस से संक्रमित होने की सम्भावना बूढ़ों और पहले से ही सांस की बीमारी (अस्थमा) से परेशान लोगों, मधुमेह और हृदय रोग जैसी परेशानियों का सामना करने वालों लोगों को अधिक होती है.
कोरोना वायरस का इलाज इस बात पर आधारित होता है कि मरीज़ के शरीर को सांस लेने में मदद की जाए और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाया जाए ताकि व्यक्ति का शरीर ख़ुद वायरस से लड़ने में सक्षम हो जाए.
कोरोना वायरस का टीका बनाने का काम अभी चल रहा है. अगर आप किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आते हैं तो आपको कुछ दिनों के लिए ख़ुद को दूसरों से दूर रहने की सलाह दी जा सकती है.
**जिन्हें लगता है कि वो संक्रमित हैं वो डॉक्टर, फार्मेसी या अस्पताल जाने से बचें और अपने इलाक़े में मौजूद स्वास्थ्य कर्मी से फ़ोन पर या ऑनलाइन जानकारी लें.
संक्रमण के लक्षण दिखने पर व्यक्ति को अपने स्थानीय स्वास्थ्य सेवा अधिकारी या कर्मचारी से संपर्क करना चाहिए. जो लोग बीते दिनों कोरोना वायरस संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं उनकी जांच की जाएगी.
अस्पताल पहुंचने वाले सभी मरीज़ जिनमें फ्लू (सर्दी ज़ुकाम और सांस लेने में तकलीफ) के लक्षण हैं, स्वास्थ्य सेवा अधिकारी उनका परीक्षण करेंगे.
परीक्षण के नतीजे आने तक आपको इंतज़ार करने और दूसरों से खुद को दूर रखने के लिए कहा जाएगा.
इन सबसे महत्वपूर्ण बात बचाव ही एकमात्र सुरक्षा है तथा इस वैश्विक महामारी के समय में संयम रखना सबसे सरल उपाय है.
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