सर्दियों में ये 5 रूल्‍स अपनाएंगी तो स्किन रहेगी हमेशा खिली-खिली

सर्दियों में ये 5 रूल्‍स अपनाएंगी तो स्किन रहेगी हमेशा खिली-खिली

सर्दियां त्वचा के लिए एक मुश्किल समय होता है। ठंडी हवाएं त्वचा से प्राकृतिक नमी छीन लेती हैं जिससे त्‍वचा ड्राई हो जाती है और खुजली की समस्‍या होने लगती है। यह ड्राई स्किन की समस्‍या एक्जिमा और सोरायसिस का कारण बन सकती है। लेकिन इन सर्दियों में आपको परेशान होने की बिल्‍कुल भी जरूरत नहीं है क्‍योंकि हम आपके लिए स्किन से जुड़े कुछ रूल्‍स लेकर आए हैं जिन्‍हें रेगुलर इस्‍तेमाल करके आप भी सर्दियों में होने वाली ड्राईनेस से त्‍वचा को बचाकर इसे खिला-खिला बना सकती हैं। आइए इन रूल्‍स के बारे में इस आर्टिकल के माध्‍यम से विस्‍तार से जानते हैं। 

रूल नम्‍बर-1

सर्दियों में स्किन ड्राईनेस को दूर रखने के लिए हॉट शावर से बचना बेहद जरूरी होता है। हालांकि सर्दियों में हॉट शावर बहुत लुभावना लगता है लेकिन गर्म पानी त्‍वचा की नमी को अवशोषित करके उसे ड्राई बनाता है, इसकी बजाय गुनगुने पानी का उपयोग करें। नहाने के तुरंत बाद माइल्‍ड मॉइश्चराइजर लगाएं क्योंकि नमी ड्राई त्वचा के लिए अच्‍छी होती है।

रूल नम्‍बर-2

सर्दियों में अपनी त्वचा की रक्षा करना बेहद जरूरी होता है। इस मौसम में गर्म यूवी किरणें सुखद महसूस कराती हैं लेकिन यह आपकी त्वचा को काफी हद तक नुकसान पहुंचा सकती हैं। इसलिए अपनी त्वचा को ड्राई ठंडी हवा से बचाने के लिए दस्ताने, काले चश्मे और टोपी पहनें। सनस्क्रीन लोशन लगाएं। आप नारियल तेल, विटामिन ई तेल का उपयोग कर सकती हैं जो विशेष रूप से सर्दियों में हेल्‍दी त्वचा के लिए सबसे अच्छा प्राकृतिक सनस्क्रीन है।

रूल नम्‍बर-3

सर्दियों में हाइड्रेटेड रहना सबसे जरूरी है क्योंकि सर्दियों में हवा बहुत ड्राई होती है जो सभी नमी को वाष्पित कर सकती है। आपकी त्वचा को हाइड्रेटेड रखने का सबसे अच्छा तरीका स्टीम लेना है। पोर्स को खोलने के लिए फेस स्टीमिंग लें और त्वचा को सांस लेने दें, इससे ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ता है, मुंहासे, ब्‍लैक और वाइट हेड्स कम होते हैं।

रूल नम्‍बर- 4 

अपनी त्वचा को ज्यादा एक्सफोलिएट न करें। सप्ताह में एक बार ठीक है क्योंकि ड्राई और ठंडे मौसम के कारण आपकी त्वचा का बैरियर पहले से ही कम हो जाता है। ज्‍यादा एक्‍सफोलिएट करने से स्किन ड्राई हो जाती है और अधिक सीबम पैदा करती है जो पोर्स को बढ़ा देती है। यह मुंहासों और ब्रेकआउट का कारण बनता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *